प्रकाशन: ‘कविकर्णपूर और उनके महाकाव्य’, मेरे हिस्से का आसमान’, साहित्यिक पत्रिकाओं में शोधपत्र, कहानियाँ, लेख एवं संस्मरण प्रकाशित
सम्मान: हिन्दी गौरव, महादेवी वर्मा सम्मान
रूचियाँ: लेखन, बागवानी, भ्रमण, संगीत, स्वाध्याय
सम्प्रति: 28 वर्ष के अध्यापन के बाद स्वतंत्र लेखन
नींव पत्रिका के द्वारा अपने बचपन को पुन: जी रही हूँ एवं अपने अध्यापन एवं देश विदेश के भ्रमण से अर्जित अनुभवों से किशोरों के मानसिक, भावनात्मक एवं नैतिक विकास की नींव को सुदृढ़ बनाना चाहती हूँ।
Dr. Krishnalata Singh
Writer