सिंहासन बत्तीसी के अगले भाग में प्रबोधवती राजा विक्रमादित्य की उदारता के बारे में बताती है। चौदहवें दिन राजा भोज पुनः अनोखे सिंघासन पर बैठने की अभिलाषा मन में लेकर तेजी से उसकी ओर बढ़ने लगे। किन्तु तभी पुतली प्रबोधवती ने प्रकट…
सिंहासन बत्तीसी – कहानी पुतली प्रबोधवती की
Written by : Shaurya Agarwal|Illustrated by : Sanghamitra Dasgupta|Audio recording by : Asha Thorat